नई दिल्ली। गर्मी से निजात के लिए लोग एसी, कूलर समेत तमाम घरेलू उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। इससे बिजली की मांग के सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं। दिल्ली स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के अनुसार, शहर में अधिकतम बिजली की मांग दोपहर 3:36 बजे 8,302 मेगावाट थी। इससे पहले अधिकतम बिजली की मांग 22 मई को 8,000 मेगावाट थी।
टाटा पॉवर-डीडीएल ने अपने इलाके में 2339 मेगावाट की बिजली की सर्वाधिक मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया है। हर मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की हुई है।
हालांकि, बिजली की मांग की वजह से कई इलाकों में लोड शेडिंग की गई। बिजली कटने की समस्या भी दर्ज की गई है। इसके अलावा बिजली आपूर्ति करने के लिए स्ट्रीट लाइटों पर असर देखने को मिल रहा है। दक्षिण और पश्चिम दिल्ली के बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग, जो 2023 और 2022 में 3250 मेगावाट और 3389 मेगावाट थी, वह 2024 की गर्मी के दौरान लगभग 3680 मेगावाट तक पहुंचने के आसार हैं। दूसरी ओर पूर्वी और मध्य दिल्ली के बीवाईपीएल क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग जो 2023 और 2022 की गर्मियों के दौरान 1670 मेगावाट व 1752 मेगावाट तक पहुंच गई थी, इस साल लगभग 1860 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है।
बिजली की उच्चतम मांग
29 मई 2018 को 6285 मेगावाट
29 मई 2019 को 6020 मेगावाट
29 मई 2020 को 4075 मेगावाट
29 मई 2021 को 4744 मेगावाट
29 मई 2022 को 5972 मेगावाट
29 मई 2023 को 4892 मेगावाट
29 मई 2024 को 8302 मेगावाट