छोटे कारोबारियों। यानी MSMEs के लिए लॉजिस्टिक्स एक बड़ा मुद्दा होता है, लेकिन Flipkart इसे बखूबी संभालता है, जिसका फायदा यह होता है कि कारोबारी अपने काम पर पूरा ध्यान दे पाते हैं। Flipkart के जरिए MSMEs को बैंकिंग सेवाओं से कम ब्याज दरों पर फंड मिल सकता है।
टेक्नोलॉजी आज केवल प्रोग्रामिंग और कंप्यूटिंग भाषाओं तक ही सीमित नहीं है। इससे परे टेक्नोलॉजी लोगों की समस्याओं को हल करने और जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ई-कॉमर्स इंडस्ट्री है, जिसका प्रभाव न केवल व्यवसायों पर बल्कि भारत के लाखों लोगों के जीवन पर भी देखा जा सकता है।
टेक्नोलॉजी, छोटे व्यापारियों की कैसे मदद कर रही है, आइए इसे लखनऊ की यास्मीन अदिल की प्रेरणादायक कहानी से समझते हैं। अदिल Flipkart Samarth की एक सफल विक्रेता हैं। आपको बता दें कि Flipkart Samarth अब एक राष्ट्रीय पहल है जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs), कारीगरों, बुनकरों और वंचित समुदायों को ई-कॉमर्स के माध्यम से नए अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह एक समावेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने और बेहतर जीवन यापन के काबिल बनाता है।
परिवार से दूर होने के कारण, यास्मीन अपना खुद का कुछ करना चाह रही थीं। पहले यह सिर्फ एक रचनात्मक शुरुआत थी, लेकिन जब उनके पति को एक जानलेवा बीमारी हो गई और वे दुबई से भारत लौट आए तो यास्मीन का व्यवसाय हीं उनके परिवार की आय का एकमात्र स्रोत बन गया। यास्मीन उन हजारों उद्यमियों और किसानों में से एक हैं जिन्हें भारत के घरेलू ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने अपने डिजिटल मार्केटप्लेस के माध्यम से वैश्विक बाजार से जुड़ने में मदद की है।
यास्मीन थोक विक्रेताओं से कपड़ा खरीदती हैं और इसे उन महिलाओं को देती हैं जो घर पर ही कढ़ाई का काम करती हैं। Flipkart के सहयोग और Samarth कार्यक्रम के लाभों के कारण उन्हें सही सहायता, प्रशिक्षण और बाजार संबंधी जानकारी मिली, जिससे उन्होंने अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। यास्मीन कहती हैं, 'यह सिर्फ बिक्री का मामला नहीं है, बल्कि यह सीखने का अवसर है कि एक व्यवसाय को लंबे समय तक कैसे बढ़ाया और बनाए रखा जाए।'
Flipkart द्वारा पेश की गई सुविधाएं जैसे कैश ऑन डिलीवरी, नो-कॉस्ट EMI, आसान रिटर्न और UPI भुगतान जैसी सेवाओं ने छोटे विक्रेताओं को एक बड़ी ग्राहक पहुंच दिलाई है। आपको बता दें कि आज फ्लिपकार्ट के प्लेटफॉर्म पर 14 लाख से अधिक विक्रेता हैं और यह 50 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करता है, जो इसके ग्राहक-केंद्रित इनोवेशन का परिणाम है।
MSMEs के लिए Flipkart का सहयोग
ई-कॉमर्स की सफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि यह हर तरह की जरूरतों के लिए समाधान प्रदान करता है। गुजरात के जिग्नेश जीवानी ने Flipkart के जरिए दो साल में अपना बिजनेस कई गुना बढ़ा लिया। वह कहते हैं, 'Flipkart हमें डेटा-ड्रिवन प्लानिंग उपलब्ध कराता है, जिससे हम बाजार के ट्रेंड्स को समझकर अपने स्टॉक और बिक्री को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।" Flipkart जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों ने टेक्नोलॉजी को सभी के लिए सुलभ बनाया है। MSMEs को अब बिक्री बुकिंग, इन्वेंट्री प्रबंधन, संसाधनों का उपयोग और लागत नियंत्रण में आसानी हो रही है।
छोटे कारोबारियों यानी MSMEs के लिए लॉजिस्टिक्स एक बड़ा मुद्दा होता है, लेकिन Flipkart इसे बखूबी संभालता है, जिसका फायदा यह होता है कि कारोबारी अपने काम पर पूरा ध्यान दे पाते हैं। Flipkart के जरिए MSMEs को बैंकिंग सेवाओं से कम ब्याज दरों पर फंड मिल सकता है, जिससे उनकी बैलेंस शीट मजबूत होती है और कैश फ्लो बेहतर होता है।
सरकार के अनुमानों के अनुसार, भारत का ई-कॉमर्स निर्यात वर्तमान में $2 से $5 बिलियन के बीच है, लेकिन 2030 तक यह $200 से $300 बिलियन तक पहुंच सकता है। यह $1 ट्रिलियन के कुल निर्यात लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा। 2024-25 में MSMEs ने भारत के कुल निर्यात का 46% योगदान दिया, जिससे यह साफ है कि ई-कॉमर्स का इस क्षेत्र में अहम योगदान रहेगा। भारत में 95% से अधिक एमएसएमई सूक्ष्म प्रकृति के हैं, फ्लिपकार्ट द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह प्लेटफॉर्म मेक इन इंडिया के तहत तैयार होने वाले उत्पादों को बाजार में लाने और उन्हें छोटे से मध्यम प्रकृति का बनाने में मदद करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जिग्नेश जीवानी कहते हैं, 'Flipkart ने हमें सिर्फ सूरत के होलसेल मार्केट से बाहर निकलकर एक राष्ट्रीय ग्राहक आधार तक पहुंचने का अवसर दिया।'