दिल्ली । सरोजनी नगर थाना क्षेत्र में सीवर में सफाई करने उतरे दो मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस मामला दर्ज कर निर्माण करने वाली कंपनी को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को सूचना मिली थी कि मेट्रो गेट नंबर 1 के पास पिलांजी गांव में एनबीसीसी के निर्माण स्थल पर इमारत ढह गई है और 3-4 लोग फंसे हुए हैं।
मौके पर पहुंची पुलिस को पता चला कि निर्माण स्थल पर पुराना सीवर काफी दिनों से बंद पड़ा था।
खरपकवा, जिला गोपाल गंज, बिहार निवासी बबुंद्र कुमार सिंह (29) और गांव डिकुल, जिला दक्षिण दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल निवासी श्रीनाथ सोरेन (28) सीवर में सफाई करने उतरे थे। जब दोनों काफी देर तक बाहर नहीं आए तो ग्राम बरदा धमना, जिला हमीरपुर, यूपी निवासी रामआसरे (41) उन्हें देखने नीचे उतरा, लेकिन वह बेहोश हो गया। वीसीएल कंस्ट्रक्शन कंपनी की एंबुलेंस उसे अस्पताल ले गई।
अस्पताल से पुलिस को सूचना मिली कि रामआसरे को बेहोशी की हालत में एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में बबुंद्र को भी डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। श्रीनाथ का इलाज चल रहा है। पुलिस ने रामआसरे का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि सरोजनी नगर थाना पुलिस जल्द ही कंपनी को नोटिस देकर लापरवाही बरतने वालों की जानकारी लेकर कार्रवाई करेगी।
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एनबीसीसी ने कहा- दूसरी तरफ हुआ हादसा
एनबीसीसी के एजीएम (सीसी) अभिषेक मोहन्ती का कहना है कि दो मजदूरों की सीवर साफ करते समय मौत होना एक दुखद घटना है। हादसा एनबीसीसी की साइट पर नहीं, बल्कि निजी ठेकेदार के लेबर कैंप में घटित हुआ है। यह एनबीसीसी की साइट की रोड के दूसरी तरफ स्थित है। केवल श्रमिकों के रहने के लिए है। यह भी स्पष्ट किया जाता है की निर्माणाधीन साइट पर सीवर लाइन इस्तेमाल नहीं होती है।
परिजनों का आरोप सुरक्षा उपकरण दिए बिना सीवर में उतारा
सरोजिनी नगर में हादसे में जान गंवाने वाले बबूंदू के भाई हरकेश कुमार ने निर्माण कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उसने बताया कि सीवर में एक के बाद एक श्रमिक बिना किसी सुरक्षा उपकरण के अंदर गए और बाहर नहीं निकल पाए। हादसे के 24 घंटे बाद भी शव नहीं दिखाए गए और न ही किसी अधिकारी ने कोई बात की। स्थानीय लोगों से पता चला कि जहरीली गैस वाले सीवर में बिना ऑक्सीजन के मजदूरों को उतार दिया गया था। बबूंद्र कंस्ट्रक्शन कंपनी में चार साल से काम कर रहा था।
वहीं, श्रीनाथ की पत्नी दुलाली ने बताया कि मैंने पति को मना किया था कि सीवर के अंदर नहीं जाना, लेकिन वह सीवर में गए। इस हादसे में निर्माण कंपनी की लापरवाही है। किसी भी प्रकार के सुरक्षा उपकरण मजदूरों को नहीं दिए गए थे। कंपनी ने लापरवाही बरती है।