नोएडा। नोएडा जिले के डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री की अनुमति मिलने के बाद बिजली कनेक्शन देने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी ने डूब क्षेत्र के उपभोक्ताओं को सकारात्मक आश्वासन दिया है। इस मामले में चार सितंबर को प्रदेश स्तर पर वार्ता होगी जिसमें डूब क्षेत्र में कनेक्शन देने पर सहमति बनने के आसार हैं।
शासन से अनुमति मिली तो डूब क्षेत्र में बसे करीब एक लाख से अधिक उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी ईशा दुहन ने बताया कि प्रमुख सचिव के संग बुधवार को निगम के अभियंताओं की ऑनलाइन बैठक होगी। इसमें डूब क्षेत्र में बिजली कनेक्शन को लेकर चर्चा होगी। बैठक सफल रही तो कैबिनेट में जल्द प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रस्ताव की स्वीकृति मिलने के बाद डूब क्षेत्र में कनेक्शन देना शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे बिजली चोरी पर अंकुश लगने के साथ निगम को राजस्व का लाभ भी होगा।
अहम है कि जिले में लंबे समय से डूब क्षेत्र में नियमानुसार बिजली कनेक्शन की मांग की जा रही है। डूब क्षेत्र निवासी कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर ऊर्जा मंत्री और अन्य उच्चाधिकारियों से भी इसकी मांग की जा चुकी है। अहम है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के समक्ष 30 जून 2018 को बिजली हेल्प डेस्क के शुभारंभ अवसर पर यह मुददा उठाया गया था। तब उन्होंने डूब क्षेत्र में कनेक्शन देने का आश्वासन दिया था। तब से डूब क्षेत्र में रहने वाले हजारों परिवारों की उम्मीद ओर बढ़ गई। तब से ही डूब क्षेत्रों में रहने वाले हजारों परिवार जल्द बिजली कनेक्शन मिलने की उम्मीद से धरना-प्रदर्शन और जन प्रतिनिधियों से मांग भी कर रहे हैं।
कनेक्शन नहीं मिलने से लाखों की बिजली चोरी
डूब क्षेत्र के गांवों में बिजली के वैध कनेक्शन नहीं देने के कारण यहां जमकर बिजली चोरी हो रही है। जिन उपभोक्ताओं को 2017 से पहले कनेक्शन आवंटित किए गए हैं, वह नियम को ताक पर रख कर अन्य घरों में बिजली की आपूर्ति दे रहे हैं। इसके अलावा डूब क्षेत्र में रहने वाले उपभोक्ता बिजली के उपभोग के बदले 10 से 15 रुपये प्रति यूनिट बिजली बिल स्थानीय ठेकेदार को चुकाते हैं। इस तरह के प्रकरण कई बार सामने आ चुके हैं। विजिलेंस के छापे में इस तरह के मामले पकड़े जाने के बाद लोगों ने वैध कनेक्शन देने के लिए तूल देना शुरू किया।
रोक हटी तो अवैध निर्माण पर काबू पाना होगा मुश्किल
ग्रेटर नोएडा। यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री शुरू हुई तो अवैध निर्माण पर काबू पाना मुश्किल हो जाएगा। इसकी आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने शासन से दिशानिर्देश मांगे हैं। अहम है कि 23 अगस्त को हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री एनओसी लेने के आदेश को रद्द् कर दिया था। हालांकि प्रशासन ने अभी हाईकोर्ट का आदेश लागू नहीं किया है। इसमें पूछा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी या फिर कोई और व्यवस्था होगी।
अधिकारियों के मुताबिक डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री पर रोक से अवैध कॉलोनियों में लोग मकान या भूखंड खरीदने से बच रहे हैं। अब रजिस्ट्री शुरू हुई तो क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकना मुश्किल हो जाएगा। अहम है कि जिला आपदा प्रबंधन समिति ने वर्ष 2020 में डूब क्षेत्र की रजिस्ट्री पर रोक लगा थी। सरकार ने 8 जुलाई, 2024 को आदेश जारी कर नई व्यवस्था बना दी थी। शासनादेश के बाद शर्तों के साथ 5 एनओसी भी जारी कर दी गई।