नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) 2024-25 चुनाव के लिए कई दिनों से प्रचार में पसीना बहा रहे प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में बंद हो जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव की मतगणना पर फिलहाल रोक लगा दी है। पूर्व शेड्यूल के अनुसार मतगणना 28 सितंबर को होनी थी।
ऐसे में अभी मतगणना को लेकर संशय बना हुआ है।
डूसू के दंगल में इस बार चारों पदों के लिए 21 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। चुनाव में एक लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उल्लेखनीय है कि डूसू से लगभग 50 कॉलेज जुड़े हुए हैं। चुनाव के लिए 500 से अधिक ईवीएम का प्रयोग होगा।
सुबह की पाली के कॉलेजों में मतदान सुबह 8.30 से दोपहर 1 बजे तक होगा, जबकि सांध्य कॉलेजों में मतदान दोपहर 3 बजे से 7.30 बजे तक होगा। कॉलेज यूनियन के चुनाव बैलेट पेपर से तो डूसू चुनाव के लिए ईवीएम से मतदान होगा। मतदान संपन्न होते ही सभी मशीनों को सील कर दिया जाएगा। सभी कॉलेजों के मतदान केंद्र पर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।
डीयू प्रशासन ने मतदान को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पुलिस के साथ मिलकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। कैंपस में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल के साथ डीयू के सुरक्षाकर्मियों की तैनाती रहेगी। कॉलेजों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। खासकर संदिग्धों पर पुलिस की नजर रहेगी। दिल्ली पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बल की कंपनियों को भी तैनात किया गया है।
फीस की रसीद या आईडी कार्ड दिखाकर वोट डाल सकेंगे
नए छात्र फीस की रसीद या कॉलेज का आईडी कार्ड दिखाकर मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। मतदान करने की अनुमति उन्हीं छात्रों को मिलेगी जिन्होंने 25 सितंबर तक फीस का भुगतान कर दिया और अब उनके पास फीस की रसीद है। जिन कॉलेजों में छात्रों को अब तक आईकार्ड जारी नहीं किए गए हैं वे भी फीस की रसीद दिखाकर वोट डाल सकेंगे, जबकि दूसरे व तीसरे वर्ष के छात्र कॉलेज आईडी कार्ड से वोट दे सकेंगे।
पहले परिणाम घोषित करने पर लगाई थी रोक, बाद में हटाई
डूसू चुनाव में वर्ष 2017 में मतगणना के बाद अध्यक्ष पद के परिणाम घोषित करने पर रोक लगी थी, लेकिन बाद में कोर्ट ने परिणाम घोषित करने पर लगी रोक को हटा लिया था। वर्ष 2017 में चुनाव परिणाम घोषित करने पर रोक लगाने का मामला अलग था, तब डीयू प्रशासन ने एनएसयूआई के प्रत्याशी रॉकी तुसीद का नामांकन वर्ष 2014 में उसके खिलाफ की गई कथित अनुशासनात्मक कार्रवाई के आधार पर रद्द कर दिया था। ऐसे में रॉकी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने रॉकी को अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने की इजाजत प्रदान कर डीयू प्रशासन को उसका परिणाम अलग से सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया था, तब डीयू ने तर्क दिया था कि मात्र अध्यक्ष पद के नतीजों को रोकना संभव नहीं है क्योंकि मतदान ईवीएम के माध्यम से होता है। बाद में कोर्ट ने चुनाव परिणाम पर लगाई गई रोक को हटाते हुए नतीजे घोषित करने की मंजूरी प्रदान कर दी थी।