नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ओल्ड राजेंद्र नगर के आईएएस कोचिंग सेंटर में हुए छात्रों की मौत मामले में अग्नि सुरक्षा विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इस सेंटर में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। निलंबित हुए प्रभागीय अधिकारी वेद पाल और सहायक प्रभागीय अधिकारी उदय वीर सिंह पर लापरवाही बरतने और तथ्यों को छिपाने का आरोप है।
एलजी के निर्देशों के बाद एमसीडी और लोक निर्माण विभाग, दिल्ली सरकार के अन्य दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घटना की जांच के बाद प्रभागीय अधिकारी वेद पाल और सहायक प्रभागीय अधिकारी उदय वीर सिंह को निलंबित करने को एलजी ने मंजूरी दी। 27 जुलाई को भारी बारिश के कारण कुछ ही मिनटों में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया था। इसमें लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल की जा रही इमारत के बेसमेंट में फंसे तीन छात्रों की मृत्यु हो गई।
किया था निरीक्षण
सेंट्रल दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट की विस्तृत जांच से पता चला कि दोनों निलंबित अधिकारियों ने फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए परिसर का निरीक्षण किया था। जांच में यह भी पाया गया कि अधिकारियों ने लाइब्रेरी के रूप में बेसमेंट के दुरुपयोग की जानकारी को छिपाया और इस मामले को दिल्ली नगर निगम को भेजने में विफल रहे। इसके बाद 9 जुलाई को फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी कर दिया था।
जांच में एमसीडी अधिकारियों पर भी उंगली उठाई गई, जिन्होंने अवैध रूप से बेसमेंट में संचालित लाइब्रेरी का निरीक्षण करने के बाद उसे सील नहीं किया और सितंबर 2021 में प्रमाण पत्र जारी किया। इलाके में जल निकासी के खराब बुनियादी ढांचे के लिए जिम्मेदार एमसीडी और लोक सेवा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई शुरू की जा रही है।
एनसीसीएसए को भेजा जाएगा मामला
निलंबन आदेशों के बाद आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश के लिए यह मामला राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण को भेजा जाएगा। एलजी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया था और यह सुनिश्चित किया था कि आपराधिक लापरवाही और प्रशासनिक विफलताओं के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।