नई दिल्ली। सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन यह हकीकत है कि राजधानी के करीब 900 अस्पतालों के पास दिल्ली फायर सर्विस का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं है। विवेक विहार के बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में आग लगने से सात नवजात मासूमों की मौत के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र का रिकॉर्ड खंगाला गया तो इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ।
मौजूदा समय में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के पास 1038 छोटे बड़े अस्पतालों का पंजीकरण है। इसके अलावा राजधानी में केंद्र और दिल्ली सरकार के 50 से ज्यादा अस्पताल हैं। मोटे तौर पर निजी और सरकारी अस्पतालों का आंकड़ा 1100 के आसपास है। दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि मौजूदा समय में डीएफएस के पास महज 197 अस्पतालों का अनापत्ति प्रमाण पत्र ही मौजूद है।
अतुल गर्ग ने बताया कि दिल्ली फायर सर्विस एक्ट के अनुसार जिन इमारतों की ऊंचाई नौ मीटर या उससे अधिक है, उन अस्पतालों को अनापत्ति प्रमाण पत्र चाहिए होता है। अस्पताल एनओसी के लिए आवेदन करते हैं। इसके बाद सभी नियमों की जांच करने के बाद एनओसी तीन साल के लिए दे दी जाती है। इसकी अवधि समाप्त होने के बाद दोबारा से उसी प्रक्रिया से गुजरना होता है। यदि दोबारा जांच में दमकल उपकरणों या सिस्टम में खामियां पाई जाती हैं, तो उनको दुरुस्त करवाने के लिए कहा जाता है। सब कुछ ठीक मिलने पर एनओसी जारी की जाती है। बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में आग लगने के बाद उसका डेटा खंगाला गया तो दिल्ली फायर सर्विस को कोई एनओसी नहीं मिली। अस्पताल ने फायर एनओसी के लिए कभी आवेदन ही नहीं किया था। अब इसकी पड़ताल की जा रही है कि अस्पताल ने ऐसा क्यों किया।
दिल्ली फायर सर्विस ने एमसीडी को लिखा पत्र
विवेक विहार के जिस अस्पताल में आग लगी उसकी ऊंचाई का पता लगाने के लिए दिल्ली फायर सर्विस ने नगर निगम को सोमवार को पत्र लिखा है। दरअसल अस्पताल प्रशासन ने दावा किया है कि उनका अस्पताल फायर एनओसी के दायरे में नहीं आता है। हादसे के बाद पुलिस ने अस्पताल की सही ऊंचाई का पता लगाने के लिए नगर निगम को लिखा है। अतुल गर्ग ने बताया कि यदि अस्पताल की ऊंचाई नौ मीटर या उससे ज्यादा मिली तो सख्त एक्शन लिया जाएगा।