नई दिल्ली ।।इस वर्ष फरवरी में मेट्रो की पिंक लाइन के गोकलपुरी स्टेशन के प्लेटफॉर्म की दीवार गिरने के बाद की गई जांच में इस कॉरिडोर के एलिवेटेड स्टेशनों के डिजाइन में बड़ी खामी सामने आई है। डीएमआरसी के सूत्रों ने बताया कि गोकलपुरी स्टेशन के ऊपर रेलिंग की दीवार पानी की निकासी के लिए बनी ड्रेन के ऊपर बनाई गई थी।
उसके कॉलम के नीचे मजबूत बेस (बीम) नहीं था। इस वजह से दीवार का बोझ बेस नहीं झेल पाया, लिहाजा दीवार भरभराकर गिर गई थी।
बताया जा रहा है कि ऐसी ही खामी पिंक लाइन के करीब सभी एलिवेटेड स्टेशनों पर है। ऐसे में डीएमआरसी ने एलिवेटेड स्टेशनों के प्लेटफाॅर्म पर ड्रेन के ऊपर बनी कंक्रीट की दीवारों को तोड़कर स्टील की रेलिंग लगाने का काम शुरू किया है, ताकि भविष्य में गोकलपुरी स्टेशन जैसा हादसा न हो। पिंक लाइन पर मौजूद 38 स्टेशनों में 12 भूमिगत और 26 एलिवेटेड हैं। इसमें से 17 एलिवेटेड स्टेशन मयूर विहार फेज-एक मेट्रो स्टेशन से शिव विहार स्टेशन के बीच हैं।
अब इन स्टेशनों पर कंक्रीट की रेलिंग हटाकर स्टील की रेलिंग लगाई जा रही है। कई स्टेशनों के प्लेटफाॅर्म पर स्टील की रेलिंग लगाने का काम पूरा भी हो गया है। यह लाइन 59.24 किमी लंबी है, यहां पर 14 मार्च 2018 से छह अगस्त 2021 के बीच पांच चरणों में मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ था। इसी क्रम में 31 अक्तूबर 2018 को पिंक लाइन पर त्रिलोकपुरी से शिव विहार के बीच परिचालन शुरू हुआ।
हादसे में एक व्यक्ति की हो गई थी मौत, चार हुए थे घायल
इसी लाइन में गोकलपुरी स्टेशन है। स्टेशन के खुलने के सवा पांच वर्ष बाद इस वर्ष आठ फरवरी को एलिवेटेड गोकलपुरी स्टेशन के प्लेटफाॅर्म पर बनी दीवार (कंक्रीट व टाइल्स से बनी) गिर गई थी। मलबे में दबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार लोग घायल हुए थे। यह दिल्ली मेट्रो के इतिहास में स्टेशन का हिस्सा गिरने का पहला मामला था। मामले की मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त ने जांच की थी। निगम डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने सभी कॉरिडोर पर ढांचे का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था।