नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों, अस्पताल, राष्ट्रपति भवन और आईजीआई एयरपोर्ट समेत कई सरकारी इमारतों में बम रखे होने का ई-मेल मिलने की जांच आगे बढ़ते की कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं। भेजे गए ई-मेल की जांच में पुलिस को पता चला कि बुधवार को ई-मेल के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल नहीं किया गया।
ई-मेल भेजने के लिए आरोपियों ने फ्रांस से गांडी.नेट (Gandi.net) का डोमेन खरीदा। इसके बाद दक्षिण कोरिया में आईडी बनाकर वहां से ई-मेल किए गए। टेरोराइजर्स111 ने इन ई-मेल के बाद महत्वपूर्ण इमारतों को बम से उड़ाने की जिम्मेदारी लेने का दावा किया। हालांकि, पुलिस अस्पताल, राष्ट्रपति भवन या आईजीआई एयरपोर्ट समेत बाकी इमारतों की जांच के बाद कुछ नहीं मिला।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने
मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि मंगलवार को भेजे गए सभी ई-मेल के लिए सैमसंग की डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस ई-मेल भेजने वाले का इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) एड्रेस पता करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पुलिस की ओर से पत्र भी भेज दिया गया है।
एक ही समूह पर शक
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार और बुधवार को भेजे गए ई-मेल की जांच के बाद आशंका व्यक्त की जा रही है कि दोनों ही वारदात को एक ही ग्रुप ने अंजाम दिया है। दोनों दिन की टाइमिंग और उनकी मंशा के आधार पर पुलिस को मामले में एक ही गिरोह का हाथ लग रहा है। पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है।
संस्कृति स्कूल को मिले दो अलग-अलग ई-मेल...
चाणक्यपुरी स्थित संस्कृति स्कूल को बम रखा होने के दो ई-मेल मिले थे। दोनों के लिए अलग-अलग आईडी का इस्तेमाल किया गया था। एक ई-मेल @mail.ru व दूसरा @gmail से भेजा गया था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोनों भाषा लगभग एक जैसी ही थी। कुछ मिनटों के अंतराल पर दोनों ई-मेल भेजे गए थे। इन दोनों ही मेल को साइबर यूनिट के हवाले कर दिया गया है। आईएफएसओ के अधिकारी मेल भेजने वाले का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
इंडियन स्कूल में भी @mail.ru से भेजा गया था ई-मेल...
12 अप्रैल, 2023 को सादिक नगर स्थित इंडियन स्कूल को इसी तरह बम से उड़ाने की धमकी भरा संदेश मिला था। उसकी जांच आज भी बेनतीजा है। इंटरपोल से मामले की मदद मांगी गई थी। उस समय रूसी कनेक्शन सामने आया था। उस समय भी @mail.ru से ई-मेल भेजे जाने की बात सामने आई थी। यानी बुधवार को 223 जगह और इंडियन स्कूल वाले ई-मेल में एक ही डोमेन का इस्तेमाल हुआ था। पुलिस इसकी भी पड़ताल में जुटी है।