नई दिल्ली । शादियों के सीजन में राजधानी के बाजार गुलजार हैं। चाहे दुल्हन के लिए लहंगा हो या दूल्हे के लिए नोटों हार हो या फिर बरातियों के कोट-पेंट व कपड़े सभी लंबी रेंज में बाजारों में उपलब्ध हैं। इसके चलते चूड़ा, मेक-अप व कपड़ों के कारोबारियों की चांदी लौट आई है।
मोहल्ला बाजार से लेकर थोक बाजार हर जगह लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। रोजाना करीब 50-60 हजार लोग खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। सदर बाजार, लक्ष्मी नगर, करोल बाग, जनपथ समेत अन्य दूसरे बाजारों में चूड़ियों व कपड़ों के अलावा जूते-चप्पल, कॉस्मेटिक, गहने समेत शादी-विवाह से जुड़े उत्पादों की खूब मांग है। लोग यहां से साड़ियां, कपड़े, मैचिंग कड़े, हार व चूड़ियां छांटते नजर आ रहे हैं। इसके चलते कारोबारियों के चेहरे खिले हुए हैं।
सदर बाजार जैन बेंगल से राजीव जैन ने बताया कि अभी कांच व मेटल की चूड़ियां महिला खरीदारों की पहली पसंद बनी हुई हैं। उनके यहां चूड़ा व कलीरा की काफी मांग है। ऑर्डर इतने अधिक हैं कि वह कई फोन वाले ऑर्डर को अटेंड भी नहीं कर पा रहे हैं। चूंकि आजकल मैचिंग सिस्टम का चलन है, 700 रुपये प्रति चूड़ा के साथ 300 रुपये प्रति जोड़ा कलीरा बिक रहा है।
इसी तरह गंभीर स्टोर से सनी गंभीर ने बताया कि उनकी दुकान पर बेल्ट और पर्स खूब बिक रहे हैं। वह हंसते हुए कहते हैं कि बेल्ट मजबूत, इससे रिश्ते और भी मजबूत होंगे। उनके यहां से ज्यादातर खरीदार कपड़े से मैच करने के लिए भूरी या काली बेल्ट ले जा रहे हैं। इस सीजन में नए कपड़े सिलवाने वालों की बेल्ट पहली पसंद बनी हुई है। थोक में इसकी कीमत 250 से लेकर 700 रुपये तक तय की गई है। जबकि पर्स 50 से 110 रुपये में मिल रहे हैं।
मजबूत बेल्ट से रिश्तों में आएगी मजबूती
इसी तरह गंभीर स्टोर से सनी गंभीर ने बताया कि उनकी दुकान पर बेल्ट और पर्स खूब बिक रहे हैं। वह हंसते हुए कहते हैं कि बेल्ट मजबूत, इससे रिश्ते और भी मजबूत होंगे। उनके यहां से ज्यादातर खरीदार कपड़े से मैच करने के लिए भूरी या काली बेल्ट ले जा रहे हैं। इस सीजन में नए कपड़े सिलवाने वालों की बेल्ट पहली पसंद बनी हुई है। थोक में इसकी कीमत 250 से लेकर 700 रुपये तक तय की गई है। जबकि पर्स 50 से 110 रुपये में मिल रहे हैं।
रेहड़ी-पटरी से खरीदारों को समस्या
सरोजिनी नगर मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि शादियों के चलते वीकेंड पर करीब एक लाख और रोजाना 50-60 हजार लोग आ रहे हैं। लेकिन रेहड़ी-पटरी खरीदारों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। मेट्रो स्टेशन से निकलते ही उनको लगता है कि बाजार शुरू हो गया है। इससे बाजार की ब्रॉडिंग पर असर पड़ रहा है और खरीदारों को सही उत्पाद नहीं मिल रहे हैं। उनके यहां कपड़े, पगड़ी, नोटों का हार, जींस-पैंट आदि को खरीदने के लिए भीड़ उमड़ रही है। अशोक ने बताया कि निर्माण कार्य के चलते बाजार के 21 में से 19 रास्ते बंद हैं, इस कारण लोग और परेशान हैं।