नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर में चार साल की बच्ची से शिक्षक ने दुष्कर्म किया। घटना के बाद मासूम की तबीयत बिगड़ गई। उसे एलबीएस अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर उसे एम्स रेफर कर दिया गया। वहीं, घटना के बाद लोग सड़कों पर उतर आए और नारेबाजी करने लगे।
मासूम और आरोपी दोनों अलग-अलग समुदायों के हैं। ऐसे में कुछ शरारती लोगों ने घटना को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया। हालात देखते ही तुरंत कई थानों की पुलिस को मौके पर भेजा गया। बाद में अर्द्धसैनिक बलों को भी तैनात कर दिया गया। इसके बाद मंडावली थाना पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के मुताबिक, पांडव नगर निवासी बच्ची घर के पास ही कोचिंग सेंटर में ट्यूशन पढ़ने के लिए जाती है। यहां महिला के अलावा भाई भी ट्यूशन पढ़ाता है। शनिवार को मासूम कोचिंग सेंटर पहुंची तो महिला शिक्षिका नहीं थी। आरोप है कि महिला के 34 वर्षीय भाई ने मासूम से दुष्कर्म किया। बाद में जान से मारने की धमकी देकर घर भेज दिया। किसी को कुछ भी बताने पर मारने की धमकी दी। मासूम की रात को तबीयत बिगड़ी तो परिवार उसे नजदीकी डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने दुष्कर्म की बात कहकर मासूम को एलबीएस अस्पताल भेज दिया।
जैसे ही घटना की जानकारी लोगों को लगी तो आरोपी के घर के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने आरोपी के घर में घुसने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। भीड़ का आरोप है कि महिला का पति भी वारदात में शामिल है। पुलिस मासूम की काउंसलिंग करा रही है। जांच के बाद तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। वहीं, दिनभर कभी मासूम की मौत की अफवाह एरिया में फैलती तो कभी कुछ। इस बात पर लोगों में आक्रोश दिखा। पुलिस अधिकारी बार-बार लोगों को समझाकर शांत करवा रहे थे। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें। माहौल खराब करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
वहीं, इस मामले पर मंत्री आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने लिखा, 'दिल्ली के पांडव नगर इलाके में चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है। इससे ज्यादा वीभत्स अपराध क्या हो सकता है? एलजी साहब, दिल्ली की महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी है। इन अपराधियों को तुरंत सजा होनी चाहिए, और सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए। एक महिला होने के नाते, मेरा आपसे आग्रह है कि आप अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी पूरी करें और दिल्ली की महिलाओं को सुरक्षित माहौल दें।'