दिल्ली । द्वारका जिला पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे पांच बांग्लादेशी नागरिकों को पहचान कर उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों में दो बच्चे शामिल हैं। सभी उत्तम नगर इलाके में रह रहे थे। द्वारका जिला पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने के अभियान के तहत पांच सौ संदिग्धों की पहचान की है।
पुलिस टीम असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, झारखंड आदि सीमावर्ती राज्यों में इनके दिए कागजातों को सत्यापित कर रही है।
जिला पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल के निर्देशानुसार द्वारका जिला पुलिस द्वारका जिले में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने में जुटी है। निरीक्षक विश्वेंद्र ढाका के नेतृत्व में जिला की स्पेशल स्टाफ की टीम ने इनकी पहचान के लिए कई तरह की रणनीति अपनाई। टीम ने संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए मुखबिरों, स्थानीय निवासियों और अन्य स्रोतों को सक्रिय किया। टीम ने झुग्गी-झोपड़ियों, श्रमिक शिविरों और अनधिकृत कॉलोनियों में सत्यापन अभियान चलाए। इन अभियानों में लोगों के दस्तावेजों की जांच की गई।
एक जनवरी को पुलिस को उत्तम नगर में कुछ बांग्लादेशी नागरिकों के मौजूदगी की सूचना मिली। पुलिस की टीम ने उत्तम नगर के काली बस्ती में छापेमारी कर पांच बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा। इनकी पहचान मोहम्मद शाहिद, नज़रुल शेख और एक महिला और 02 बच्चों के रूप में हुई। पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि वह बांग्लादेश से अवैध रूप से पलायन कर भारत आए थे। आरोपियों के मोबाइल फोन की जांच करने पर इनकी बांग्लादेश की नागरिकता के बारे में पुष्टि हुई। सभी बागेरहाट बांग्लादेश के रहने वाले हैं।
पुलिस टीम ने सभी को आरके पुरम स्थित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय में पेश किया। जहां से सभी को इंद्रलोक स्थित हिरासत केंद्र में भेज दिया गया है। जहां से उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया की जाएगी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि द्वारका जिला पुलिस अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक द्वारका पुलिस ने इस साल 132 विदेशी नागरिकों को निर्वासित किया है, जिसमें 116 नाइजीरिया से, 7 आइवरी कोस्ट, 2 घाना, 1 सेनेगल, 2 युगांडा, 3 गिनी और 3 उज्बेकिस्तान के रहने वाले हैं।