नई दिल्ली। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का घरेलू टर्मिनल-1 अब किसी अंतरराष्ट्रीय से कम नहीं होगा। यह टर्मिनल अब पहले से तीन गुना बड़ा हो गया है। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस टर्मिनल का पुनर्विकास कर बनाई गई नई इमारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन किया।
यह टर्मिनल अब 2,06,950 वर्ग मीटर में फैल गया है। इससे यात्रियों की क्षमता दोगुने से ज्यादा हो गई है। इस मौके पर नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री वीके सिंह, उपराज्यपाल वीके सक्सेना मौजूद रहे।
दिल्ली एयरपोर्ट पर मौजूद वीके सिंह ने बताया कि पूरे देश में दस साल में कई एयरपोर्ट बने हैँ। इस क्षेत्र में देश तेजी से विकास कर रहा है। पहले देशभर में 74 एयरपोर्ट थे जो अब बढ़कर 160 से अधिक हो गए हैं। छोटे-छोटे शहरों को भी एयरपोर्ट से जोड़ने की नीति पर केंद्र सरकार काम कर रही है।
उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली के लिए यह एयरपोर्ट का नया हिस्सा बेहद खास है। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस टर्मिनल से देशवासियों को सुविधा मिलेगी। पर्यावरण को ध्यान में रख इसे तैयार किया गया है। तकनीकी रूप से ही नहीं बेहतर डिजाइन व सुंदरता के मामले में भी विश्व के किसी अन्य एयरपोर्ट से कमतर नहीं है। भारत को विकसित देश बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
टर्मिनल-1 का क्षेत्रफल बढ़ने से अब यात्रियों को लंबी-लंबी लाइनों में लगने की आवश्यकता नहीं होगी। इस टर्मिनल पर 24 प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। 100 चेक-इन काउंटर तैयार किया गया है। सभी प्रवेश द्वार पर फेशियल रिकॉग्निशन की सुविधा यात्रियों को दी गई है। खास बात यह भी है कि रनवे तक जाने के लिए अब यात्रियों को बस का सहारा नहीं लेना होगा। टर्मिनल से विमान को जोड़ने वाले 22 एयरोब्रिज हैं।
यात्रियों को लंबी लाइनों से मिलेगी राहत
इस टर्मिनल पर 20 ऑटोमेटेड ट्रे रिट्रीवल सिस्टम, इंडिविजुअल कैरियर सिस्टम,108 कॉमन यूज सेल्फ सर्विस, 100 चेक-इन जैसी उन्नत तकनीकों वाली सुविधा यात्रियों को मिलेगी। इसके अलावा 36 सेल्फ बैगेज ड्रॉप, कियोस्क सहित अन्य सुविधाएं भी यात्रियों को मिलेगी। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से करीब 1,500 उड़ानों का आवागमन होता है। टर्मिनल-1 की क्षमता विस्तार के बाद सालाना चार करोड़ यात्रियों की क्षमता वाला यह बन गया है। इसी तरह टर्मिनल-2 की क्षमता 1.5 करोड़ और टर्मिनल-3 की क्षमता 4.5 करोड़ है।