नई दिल्ली। दिल्ली के अस्पतालों में बम होने की सूचना पर जांच करने पहुंची डॉग व बम स्क्वॉड की टीम को देखकर तीमारदार सहम उठे। हालांकि, पुलिस ने सभी को रूटीन जांच होने की बात कहकर धैर्य बनाए रखने को कहा। रविवार की छुट्टी होने के कारण अस्पताल में काफी कम भीड़ थी। भर्ती मरीज के अलावा तीमारदार ही अस्पताल में थे।
बुराड़ी अस्पताल में भर्ती मरीज को देखने गए संत नगर निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि अचानक टीम को देखकर डर गए। पिछले दिनों स्कूल में बम होने की सूचना मिली थी,लेकिन पुलिस ने कहा कि कुछ नहीं है। सुरक्षा जांच चल रही है। वहीं हिंदू राव अस्पताल में मरीज को खाना देने कई एक महिला ने बताया कि अचानक डॉग स्क्वॉड को देखकर डर गई थी। लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि पुलिस मॉक ड्रिल कर रही है। वहीं, शाम पांच बजे जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पास खड़े लोग भी डर गए। गेट के बाहर खड़े लोगों ने बताया कि जब अचानक टीम पहुंची तो लगा कुछ हो गया है। सुरक्षा गार्ड से पूछने पर पता चला कि पूरी दिल्ली के अस्पतालों में जांच हो रही है।
बुराड़ी अस्पताल के प्रमुख डॉ. आशीष गोयल ने कहा कि दोपहर करीब तीन बजे मेल मिली थी। सूचना मिलते ही तुरंत पुलिस को फोन कर दिया। साथ ही अपने स्तर पर सुरक्षा की व्यवस्था बनाई। उन्होंने कहा कि टीम मौके पर पहुंची और जांच करके चली गई। वहीं, जनकपुरी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एचसी शर्मा ने कहा कि शाम करीब पांच बजे टीम आई और जांच करके चली गई।
देर रात देखा मेल
रविवार को छुट्टी होने के कारण कई अस्पताल के प्रमुख ने देर रात मेल देखा। उसके बाद ही पुलिस को सूचना दी गई। नजफगढ़ स्थित ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक रात करीब आठ बजे अस्पताल के प्रमुख मेल की सूचना मिली। सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपने मेल को देखा तो पाया कि तीन बजे ही बम होने की धमकी मिली हुई है। इसे देखते ही उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि मिली धमकी के बाद अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
अस्पतालों ने बढ़ाई सुरक्षा
अस्पतालों को मिली बम की धमकी के बाद लोकनायक, जीबी पंत सहित दूसरे अस्पतालों ने सुरक्षा को बढ़ा दिया है। अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि रविवार दोपहर बाद कई अस्पतालों से सूचना मिली कि उनके अस्पताल परिसर में बम है। ऐसी सूचना ग्रुप पर मिलते ही सभी स्टाफ को अलर्ट कर दिया गया। साथ ही विशेष जांच करने को कभी कहा गया है।