नई दिल्ली । दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। स्टेशन की छत पर 900 सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसकी मदद से हर साल 6.5 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।साथ ही इस स्टेशन पर वर्षा जल संचयन का भी प्रावधान किया जा रहा है, जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं।
स्टेशन परिसर के आसपास हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। मौजूदा समय में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके बनते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग और अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों को चलाने के लिए किया जाएगा। एनसीआरटीसी की तरफ से एक सौर नीति अपनाई गई है। इसका लक्ष्य है दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करना। इसके तहत आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं। इससे सालाना 11,500 टन सीओटू उत्सर्जन में कमी आएगी।
नवंबर में होगा ट्रायल
आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के सेक्शन से जोड़ने के लिए वायाडक्ट और टनल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। ट्रैक बिछाने और ओएचई का कार्य अंतिम चरण में है।अधिकारियों का कहना है कि नवंबर में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक नमो भारत ट्रेन का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।
मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा आरआरटीएस का स्टेशन
न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटिग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी के लिए 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण किया जा रहा है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा।
तीन मेगावाट बिजली का हो रहा उत्पादन
अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो 3 मेगावाट से अधिक की बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं। आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढाई लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए पौधे लगाने का काम किया जा रहा है।