नई दिल्ली। देश का सकल जीएसटी संग्रह अप्रैल में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह पिछले साल अप्रैल महीने की तुलना में 12.4 प्रतिशत अधिक है। घरेलू लेनदेन और आयात में मजबूत तेजी को जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी की वजह बताया गया है।
घरेलू लेनदेन और आयात में मजबूत वृद्धि का असर
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। मंत्रालय ने कहा, 'सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है, जो घरेलू लेनदेन (13.4 प्रतिशत की वृद्धि) और आयात (8.3 प्रतिशत की वृद्धि) में मजबूत वृद्धि के दम पर मुमकिन हो पाया।'
अप्रैल 2023 की तुलना में 17 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि
अप्रैल 2023 में जीएसटी संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये था। रिफंड के बाद अप्रैल 2024 में शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.92 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 17.1 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि को दर्शाता है। अप्रैल में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 43,846 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी 53,538 करोड़ रुपये रहा। एकीकृत जीएसटी 99,623 करोड़ रुपये रहा जिसमें आयातित वस्तुओं पर मिले 37,826 करोड़ रुपये शामिल हैं। उपकर संग्रह 13,260 करोड़ रुपये रहा, जिसमें आयातित वस्तुओं पर संग्रहित 1,008 करोड़ रुपये शामिल हैं। मार्च 2024 में जीएसटी संग्रह 1.78 लाख करोड़ रुपये रहा था। मार्च के जीएसटी संग्रह में रिफंड के बाद शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि पिछले साल मार्च महीने की तुलना में 18 प्रतिशत की वृद्धि है।