नई दिल्ली। केंद्र सरकार के अस्पतालों में इलाज करवाने आ रहे मरीजों की अगले माह से परेशानी बढ़ जाएगी। आधे डॉक्टर छुट्टी पर रहने के कारण अगले दो माह तक ओपीडी सुविधा और सर्जरी के लिए मरीजों को लंबा समय दिया जा सकता है। 15 मई से एम्स, सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया और लेडी हार्डिंग अस्पताल ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो रहा है।
इसमें में अस्पताल के आधे संकाय रोस्टर के आधार पर 15 दिन से एक माह के लिए छुट्टी पर रहेंगे। ऐसे में उनकी छुट्टी के दौरान गंभीर मरीजों को दूसरे संकाय में शिफ्ट किया जाएगा।
अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, अस्पताल संकाय को छुट्टी देने की तैयारियां शुरू हो गई है। अस्पताल फैकल्टी को छुट्टी देने के लिए रोस्टर तैयार होने लगा है। इस रोस्टर के तहत 15 मई से 16 जुलाई के बीच दो चरणों में संस्थान के सभी डॉक्टर अवकाश पर रहेंगे। सभी अस्पताल के प्रबंधन ने सभी विभागों को निर्देश जारी करते हुए छुट्टी पर जाने वाले डॉक्टरों का ब्यौरा मांगा है। इसके अलावा कहा गया है कि निर्देश दिया गया है कि अवकाश के दौरान दूसरे 50 फीसदी डॉक्टर अस्पताल में उपस्थित रहें।
रोजाना आते हैं 50 हजार मरीज
एम्स सहित दूसरे अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब 50 हजार मरीज आते हैं। डॉक्टरों की मुताबिक एम्स में करीब 20 हजार, सफदरजंग में करीब 12 हजार, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आठ हजार और लेडी हार्डिंग में आठ से दस हजार मरीज इलाज करवाने आते हैं। इसके अलावा इन अस्पतालों में रोजाना 200 से अधिक छोटी-बड़ी सर्जरी होती हैं। डॉक्टरों के अभाव में इस दौरान मरीजों को लंबी तारीख दी जा सकती है।
विज्ञापन
आने से पहले देखें अस्पताल की वेबसाइट
मरीजों की सुविधा के लिए डॉक्टर की छुट्टी की जानकारी अस्पताल की वेबसाइट पर दी जाएगी। अभी डॉक्टरों के ग्रीष्मकालीन अवकाश का रोस्टर बनाया जा रहा है। रोस्टर बनने के बाद इसे अस्पताल की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। मरीज अपने डॉक्टर व ओपीडी के आधार पर अस्पताल आ सकेंगे।