ग्रेटर नोएडा । अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत 86 किसानों को सोमवार को जमानत मिल गई है। रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द यह किसान जेल से बाहर आएंगे। नॉलेज पार्क कोतवाली क्षेत्र में दर्ज किसानों के खिलाफ एक मुकदमे में सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 42 अभियुक्तों को जमानत दे दी है।
अभियुक्त पर सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, शांति भंग करने, और आम जनमानस के आवागमन को बाधित करने जैसे गंभीर आरोप थे।
अभियोजन पक्ष ने विरोध करते हुए अभियुक्त को जमानत न देने की अपील की, लेकिन अभियुक्तों के वकील व दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश भाटी ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किलों पर लगाए गए आरोप झूठे और निराधार हैं। अभियुक्तों के पिछले किसी आपराधिक इतिहास का प्रमाण नहीं मिलने और अपराध के अधिकतम सात वर्ष की सजा तक सीमित होने के कारण, न्यायालय ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
अभियुक्तों को 20 हजार के व्यक्तिगत बंधपत्र और इतनी ही धनराशि के जमानतदार प्रस्तुत करने पर रिहा किया जाएगा। अदालत ने सख्त निर्देश दिए कि अभियुक्त न्यायालय की सभी तिथियों पर व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से उपस्थित रहेंगे। निर्देश दिया कि अभियुक्त और उनके जमानतदार अपने स्थाई और वर्तमान पते, मोबाइल नंबर, और आधार कार्ड की प्रतियां प्रस्तुत करेंगे। किसी भी प्रकार के पते या संपर्क विवरण में बदलाव होने पर न्यायालय को सूचना देना अनिवार्य होगा।
इससे पहले 123 किसानों को रिहा किया जा चुका
वहीं, बीटा-2 कोतवाली में दर्ज एक अन्य मामले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) कोर्ट ने बीटा-2 थाने में दर्ज 44 किसानों की रिहाई का आदेश हुआ है। इसमें जमानत के लिए जरूरी बांड अब सिर्फ किसानों की ओर से दाखिल किया जाना बाकी है। किसानों की लड़ाई के लिए आगे भी लड़ाई जारी रहेगी। बता दें कि इससे पहले 123 किसानों को रिहा किया जा चुका है। लेकिन किसानों के खिलाफ पहले कई मामले दर्ज होने के कारण अबतक सिर्फ आट किसान ही जेल से बाहर आ पाए हैं।
100 लोगों ने जेल पहुंचकर की मुलाकात
लुक्सर स्थित जेल में वर्तमान में 128 किसान विभिन्न मामले में बंद है। कई किसानों को जमानत मिल गई है लेकिन उनके खिलाफ पहले से दूसरी जगह मामले दर्ज होने के कारण जमान नहीं मिल पाई है। सोमवार को 100 लोगों ने जेल में बंद किसानों से मुलाकात की। इनमें किसानों के परिजन और उनके साथी अधिवक्ता मौजूद रहे। उधर, ग्रेटर नोएडा के परी चौक और जीरो प्वाइंट, प्रमुख धरना स्थल पर किसानों के पहुंचने की आशंका को देखते हुए पुलिस पूरी तरह सतर्क रही। जेल अधीक्षक बृजेश कुमार ने बताया कि रिहाई संबंधी परवाना मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
किसानों की समस्या को लेकर पीएम को लिखा पत्र
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिले के किसानों की समस्या को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि गौतमबुद्धनगर के किसान भूमि अधिग्रहण को लेकर अपनी जमीन का मुआवजा मांग रहें हैं। उन्हें मुआवजा न देकर जेल में बंद कर दिया गया है।
महिला किसानों के साथ में दुर्व्यवहार किया गया, जिसने सभी की अंतरात्मा को अंदर से झकझोर दिया है। इस कठिनाई के दौर से गुजर रही खेती, किसानी और ग्रामीण परिवेश को बचाने के लिए देश के प्रधानमंत्री होने के नाते इन सभी विषयों का संज्ञान लेते हुए किसान हित में एक उत्तम निर्णय लेने का कष्ट करें। जिससे देश का किसान आने वाले समय में खुशहाल हो सके।