नोएडा । कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी फ्रॉड के मामले में बुधवार को दिल्ली के तिलक नगर निवासी कारोबारी तुषार गुप्ता को उसके कार्यालय से गिरफ्तार किया है। गिरोह सरगना तुषार ने फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेकर 24 करोड़ रुपये से अधिक का फर्जीवाड़ा किया है।
जीएसटी फर्जीवाड़े में नोएडा पुलिस की ये 33वीं गिरफ्तारी की है। मामले में अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। नोएडा पुलिस ने वर्ष 2023 में देशभर में चल रहे जीएसटी फ्रॉड का खुलासा किया था। डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि करोड़पति कारोबारी तुषार का दिल्ली समेत अन्य शहरों में मेटल व पैकेजिंग का कारोबार है। मामले में कोतवाली सेक्टर 20 में मुकदमा दर्ज किया गया था। तुषार को पहले जीएसटी की टीम भी गिरफ्तार कर चुकी है। दो माह तक जेल में रहने के बाद उसे जमानत मिल गई थी।
तुषार ने कारोबार की आड़ में 35 फर्जी कंपनियां बनाईं और फर्जी बिल बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया। अब तक की जांच में करीब 24 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। मामले में दो कारोबारियों अजय शर्मा और संजय जिंदल को पूर्व में गिरफ्तार किया गया था। इनसे पूछताछ के दौरान तुषार का इनपुट मिला था।
33वीं गिरफ्तारी, जमानत किसी को नहीं
मामले में अब तक 33 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इनसे पूछताछ के बाद पता चला है कि आरोपियों ने तीन हजार से अधिक फर्जी कंपनियां बनाकर ठगी की है। मामले में गौरव सिंघल, गुरमीत सिंह, राजीव, राहुल, विनीता, अश्वनी, अतुल सेंगर, दीपक मुरजानी, यासीन, विशाल, राजीव, जतिन, नंदकिशोर, अमित कुमार, महेश, प्रीतम शर्मा, राकेश कुमार, अजय कुमार, दिलीप कुमार, मनन सिंघल, पीयूष, अतुल गुप्ता, सुमित गर्ग, कुणाल आदि को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन अब तक कोर्ट से किसी को जमानत नहीं मिली है।
ऐसे करते थे ठगी
आरोपियों का नेटवर्क पूरे देश में है। इसमें कई स्तर पर लोग जुड़कर धोखाधड़ी कर रहे थे। आरोपियों ने सबसे पहले हजारों की संख्या में अलग-अलग लोगों के आधार कार्ड व पैन कार्ड का इंतजाम किया। इसके बाद कागजात व अलग-अलग लोगों के फोटो लगाकर फर्जी कंपनी और फर्म खोल ली। इसके बाद जीएसटी नंबर ले लिया। फिर फर्जी कंपनियों के नाम पर बिल बनाकर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। जालसाज फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ ऑन डिमांड बेच भी देते थे।
क्या है आईटीसी
आईटीसी किसी निर्माता या सर्विस प्रोवाइडर को अंतिम आउटपुट पर टैक्स चुकाने के दौरान गुड्स व सर्विस के इनपुट पर टैक्स का भुगतान करने पर मिलता है। इसका इस्तेमाल किसी पंजीकृत व्यक्ति या फर्म की ओर से वस्तुओं व सेवाओं की आपूर्ति पर जीएसटी देनदारी की भरपाई के लिए किया जा सकता है।