नई दिल्ली। कनॉट प्लेस स्थित दिल्ली अग्निशमन विभाग का मुख्यालय अब अत्याधुनिक व बहुमंजिला होगा। भूकंपरोधी 13 मंजिला इमारत के कंट्रोल रूम से पूरी दिल्ली पर नजर रखना संभव होगा। दिलचस्प यह है कि इमारत में विस्फोट होने की सूरत में भी संपर्क नहीं टूटेगा।
आपात स्थिति के दौरान अग्निशमन का कंट्रोल रूप सक्रिय रहेगा। टेंडर होने के बाद करीब दो साल में इमारत बनकर तैयार हो जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इमारत बनने के बाद इसे दूसरी कई सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
1967 में बने मुख्यालय के जर्जर अवस्था में होने से कामकाज में बाधा आ रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार की पुराने मुख्यालय को तोड़कर नई इमारत बनाने की योजना है। शुरुआत में इसे सात मंजिला बनाया जाना था। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली थीं, लेकिन बाद में फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) बढ़ाकर 13 मंजिला कर दिया गया। योजना पर करीब 210 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पीडब्ल्यूडी के मुताबिक, एमसीडी भी इस परियोजना में शामिल है। एफएआर में वृद्धि होने के कारण नई परियोजना के तहत निगम से भी अनुमति लेने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, जल्द ही प्रोजेक्ट का सलाहकार आर्किटेक्ट्स भी नियुक्त होगा।
एआई तकनीक का इस्तेमाल
अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरों को अग्निशमन कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। इससे कहीं भी आग लगने की जगह आदि के बारे में सटीक जानकारी भी मिल सकेगी। साथ ही, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैंस एआई तकनीक से भी आपात स्थितियों से निपटा जाएगा।
यह थी योजना
पहले प्रोजेक्ट का विस्तृत प्रस्ताव बनाकर वर्ष 2017 में पीडब्ल्यूडी को सौंपा गया, लेकिन तब से यह परियोजना कई कारणों से अटकी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि शुरू की योजना के तहत निर्माण कार्य 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है। निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू करने और टेंडर निकालने से पहले कई एजेंसियों से अनुमति आदि लेनी इसके बाद आगे की निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इसलिए हो रही नया अग्निशमन मुख्यालय बनाने की मांग
बाराखंभा रोड के पास स्थित अग्निशमन मुख्यालय वर्ष 1967 में बना था। अब ये काफी जर्जर हो चुका है। दोमंजिला भवन में विभाग के कार्यालय हैं। निदेशक सहित मुख्य अधिकारी व कर्मी यहीं बैठते हैं। जिस समय मुख्यालय बना था उस समय विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या काफी कम थी। वर्तमान में कर्मचारियों की बढ़ती संख्या और जिम्मेदारियों के तहत लंबे समय से नए मुख्यालय के निर्माण की मांग की जा रही है।
नए मुख्यालय में यह सुविधाएं मिलेंगी
भूमिगत बेसमेंट के तीन स्तर होंगे जहां अधिकतर अग्निशमन वाहन खड़े किए जाएंगे।
भूतल पर एक बड़ा नियंत्रण कक्ष, वायरलेस वर्कशॉप स्टोर रूम और मीडिया कक्ष होगा।
सम्मेलन कक्ष, व्यायामशाला और अन्य कार्यालय होंगे।
पहली मंजिल पर एक हॉल और प्रशासन कार्यालय होगा।
कितने हुए हादसे
3563 घटनाएं हुईं अक्तूबर तक दिल्ली में आवासीय भवनों में आग लगने की।
48 लोगों की मौत हुई आग की घटनाओं में इस वर्ष अक्तूबर तक।
506 लोग विभिन्न आग लगने की घटनाओं में घायल हुए।