लखनऊ । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों बेहद व्यस्त हैं। देश भर में जहां चुनावी रैलियों एवं जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं, तो वहीं उनकी अपनी सीट लखनऊ पर भी आज पांचवें चरण में चुनाव है। ऐसे में उन्हें अपने घर यानी लखनऊ पर भी फोकस करना पड़ रहा है। उनका मानना है कि इस चुनाव में विपक्ष पस्त पड़ा है।
ऐसे मुद्दों को हवा दे रहा है जो वास्तव में कहीं हैं ही नहीं। चाहे आरक्षण हो, संविधान हो या फिर अग्निवीर...सभी पर विपक्षी झूठ का सहारा ले रहे हैं। वह कहते हैं, आरक्षण धर्म के नाम पर नहीं, गरीबी के आधार पर दिया जा रहा है। ऐसे में आरक्षण खत्म करने का सवाल ही नहीं उठता। अमित मुद्गल से बातचीत में उन्होंने सभी मुद्दों पर अपनी बात रखी। पेश है बातचीत के कुछ प्रमुख अंश...
पिछले चुनावों से यह चुनाव किस तरह अलग है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोगों का विश्वास अब और बढ़ गया है। अन्य देश भी अब यह मान रहे हैं कि आने वाला समय भारत का है। भारत की इकॉनमी 11वें स्थान से उछलकर 5वें स्थान पर पहुंच गई। वर्ष 2027 तक हम टॉप थ्री में होंगे। इस बात को प्रत्येक व्यक्ति समझ रहा है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है। इसी नजर से वह चुनाव को देख रहा है और भाजपा के साथ है। सरकार की लाभकारी योजनाओं का इसमें बड़ा रोल है।
योजनाओं पर तो विपक्ष भी अब घोषणाएं कर रहा है। दोगुना राशन देने की बात हो रही है?
विपक्ष यह जानता है कि उनकी सरकार आने वाली ही नहीं है। ऐसे में वह कोई भी झूठे वादे कर सकते हैं। राहुल गांधी कह रहे हैं कि हम आए तो संपत्तियों का सर्वे कराएंगे और रिडिस्ट्रीब्यूशन करेंगे। क्या यह संभव है। अर्जेंटीना, नार्वे, वेनेजुएला जैसे देश इसी चक्कर में बर्बाद हो गए। हमने तो कोरोना में राशन वितरण शुरू किया था। जरूरत समझी तो इसे जारी रखा।
विपक्ष का कहना है कि यदि भाजपा 400 पार हुई तो आरक्षण या संविधान में बदलाव होगा?
80-90 बार संविधान में संशोधन तो इन्हीं लोगों ने किया। वर्ष 1976 में इंदिरा गांधी ने तो संविधान की आत्मा उसकी प्रस्तावना में ही परिवर्तन कर दिया था। धर्म के नाम पर नहीं, गरीबी के आधार पर आरक्षण होना चाहिए और भारत में इस समय गरीबी के आधार पर ही आरक्षण दिया जा रहा है। इसे खत्म करने का प्रश्न ही नहीं उठता। विपक्ष कहता है कि हम धर्म के नाम पर आरक्षण देंगे। क्या संविधान इसकी इजाजत देता है। मैं विपक्ष से कहता हूं कि अल्पसंख्यकों से झूठ मत बोलो।
आज पांचवां चरण है। सीटों को लेकर क्या संभावना देखते हैं?
हम लक्ष्य तक पहुंच रहे हैं। फिर दोहरा दूं। अनुमान और लोगों की मंशा के आधार पर ही हमने 400 पार की बात कही थी। संविधान या आरक्षण समाप्त करने के लिए नहीं।
चीन हमारे पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को प्रभावित कर रहा है, क्या कहना है आपका?
चीन के साथ कमांडर स्तर पर इस समय सही माहौल में बात हो रही है। हमें परिणाम की प्रतीक्षा करनी चाहिए। हमारे जवान हमेशा से ही सीमा की सुरक्षा मुस्तैदी, बहादुरी से करते रहे हैं। हम चाहते हैं कि एलएसी का स्थायी समाधान होना चाहिए। कहते वे भी हैं कि समाधान चाहिए। दोनों तरफ से प्रयत्न जारी है। हैरत की बात यह है कि विपक्षी न जाने क्या-क्या बयान जारी कर रहे हैं, पर आज तक किसी ने मेरे मुंह से यह बयान नहीं सुना होगा कि चीन ने 1962 में क्या किया था?
यूपी में किसका योगदान काम कर रहा है। प्रदेश सरकार का या केंद्र का?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सारे काम हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी ईमानदारी से इस पर अमल कर रहे हैं।
यूपी में क्षत्रिय समाज की नाराजगी का कितना असर दिखेगा?
यह पहली बार नहीं हो रहा है। हर चुनाव में चलता है। कभी ब्राह्मण, तो कभी कोई और। सब ठीक होगा। कोई नाराज नहीं है।
चर्चा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की ज्यादा सीटें आ गईं तो योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री नहीं रहने दिया जाएगा?
एकदम बेबुनियाद और काल्पनिक सोच है। यह विपक्ष की नापाक हरकत है। जनता को गुमराह करने की हरकत है। योगी बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं। मोदी स्वयं उनकी तारीफ करते हैं। उन्हें हटाने का प्रश्न ही नहीं है। योगी ने इसलिए जवाब दिया कि कोई झूठ बोलेगा तो उसका जवाब तो देना ही पड़ेगा।
बेरोजगारी का भी बड़ा मुद्दा है?
देखिए, सरकारी नौकरी ही सिर्फ रोजगार नहीं है। अन्य काम भी हैं, जैसे पटरी-रेहड़ी। युवा मुद्रा योजना का लाभ ले रहे हैं। रोजगार के अवसर तो यहां बढ़े हैं। एक करोड़ को हमने लखपति दीदी बना दिया। तीन करोड़ लक्ष्य है। मोदी जी क्षमता के बड़े धनी हैं। वे देश के युवाओं के लिए विशेष तौर पर सोचते हैं।
विपक्ष सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है?
यदि ऐसा है तो अदालतें आरोपियों को रिलीफ क्यों नहीं दे रही हैं। ईडी ने उनके कार्यकाल में केवल 32 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की थी। हमारी सरकार में ईडी अब तक 22 हजार करोड़ कैश और एक लाख करोड़ से ऊपर की संपत्ति अटैच कर चुकी है। यह डर होना चाहिए कि गलत करेंगे तो सजा भुगतनी होगी।
आप भी सीएम रहे और योगी भी अब हैं। आप किसे बेहतर मानेंगे?
मेरा कार्यकाल छोटा रहा है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि योगी आदित्यनाथ मुझसे बेहतर काम कर रहे हैं। हमारा कार्यकाल सरकार समाप्ति का अंतिम समय था। जितना समय मिला उसमें करने की पूरी कोशिश की, पर योगी बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं। यूपी में योगी बहुत सूझबूझ के साथ काम कर रहे हैं। विकास की पहली शर्त होती है बेहतर कानून-व्यवस्था जो यूपी में चुस्त-दुरुस्त है। अपराधी उप्र में पूरी तरह से पस्त हंै।