इस्लामाबाद । कर्ज और आर्थिक तंगी में डूबे पाकिस्तान को सात अरब डॉलर की विस्तारित फंड सुविधा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की टीम पाकिस्तान पहुंच चुकी है। इस फंड सुविधा की नौंवी समीक्षा बैठक आज से शुरू होगी। स्थानीय मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान और आईएमएफ के अधिकारियों के बीच पहले चार दिन तकनीकी वार्ता होगी।

इस बैठक में अलग-अलग विभागों के आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा की जाएगी। पाकिस्तान में आईएमएफ प्रतिनिधि ने कहा कि 31 जनवरी से नौ फरवरी तक आईएमएफ टीम समीक्षा करेगी। बता दें, 2019 में पाकिस्तान ने छह अरब डॉलर के कार्यक्रम में प्रवेश किया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर सात अरब डॉलर कर दिया गया है। डॉन न्यूज के मुताबिक, अगर सबकुछ ठीक रहा तो आईएमएफ बचे हुए 1.8 अरब डॉलर जारी करेगा।

डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया निचले स्तर पर
पाकिस्तान इन दिनों सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। महंगाई यहां चरम पर पहुंच चुकी है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी ऐतिहासिक स्तर को पार कर गई हैं। वहीं, आईएमएफ कार्यक्रम को पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान द्वारा एक्सचेंज कैप हटाने के कारण पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। 261.17 पाकिस्तानी रुपये की कीमत एक डॉलर हो चुकी है।

आईएमएफ की शर्तें मान सकता है पाकिस्तान
आईएमएफ ने पाकिस्तान को फंड जारी रखने के लिए कुछ कड़ी शर्तें रखी हैं, जिस पर पहले शहबाज शरीफ सरकार ने असहमती जताई थी, इस कारण आईएमएफ कार्यक्रम करीब दो महीने से अटका पड़ा है। इस बीच, तेजी से खराब हो रही आर्थिक हालातों को पटरी पर लाने के लिए शरीफ सरकार ने आईएमएफ की शर्तों को मानने के संकेत दिए हैं।

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 3.1 अरब डॉलर रह गया
पाकिस्तान को दिसंबर में सिर्फ 53.2 करोड़ डॉलर का कर्ज मिला, जो बड़े पुनर्भुगतान के लिए पर्याप्त नहीं था। पिछले सात दिनों में देश ने चीनी वित्तीय संस्थानों को 828 मिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान किया। इसके परिणामस्वरूप आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 3.1 अरब डॉलर रह गया। दिसंबर में प्राप्त ऋण का लगभग 44 प्रतिशत एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से आया था जिसने 231 मिलियन अमरीकी डॉलर दिए थे। अब तक एडीबी 1.9 अरब डॉलर के वितरण के साथ सबसे बड़ा ऋणदाता बना हुआ है। यह राशि वार्षिक अनुमान का एक तिहाई है।

आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2023 के लिए पाकिस्तान की सकल वित्तपोषण जरूरतों को 34 अरब डॉलर और विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए 6 अरब डॉलर की जरूरत का अनुमान लगाया है। इससे पाकिस्तान की कुल उधारी 40 अरब डॉलर हो जाएगी। हालांकि, सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केवल 22.8 अरब डॉलर के विदेशी ऋण का बजट रखा है।