कातिल बना जिगर का टुकड़ा
- Rohit Mehra
- देश

औरैया। औरैया जिले के दिबियापुर कोतवाली क्षेत्र में बुजुर्ग-दंपती की हत्या के बाद हत्यारोपी रमाकांत की पत्नी ऊषा देवी ने जो कहानी बताई। उसके अनुसार उन्हें केवल दो बेटियां होने के कारण न तो बेची गई जमीन से आए लगभग 50 लाख रुपये में से कोई हिस्सा दिया गया और न ही पिछले दिनों बांटी गई चार बीघा जमीन में कोई हिस्सा मिला। हिस्सा पाने के लिए वह गिड़गिड़ाते थे, लेकिन कोई सुनता नहीं था।
ऊषा देवी के अनुसार तीन वर्ष पहले कलक्टरी रोड पर स्थित लगभग डेढ़ बीघा जमीन उनके ससुर ने बेची थी। मगर उनके पति को इसमें कोई हिस्सा नहीं दिया था। लगभग तीन माह पहले गांव की चार बीघा जमीन में से दो-दो बीघा जमीन दोनों छोटे भाइयों में बांट दी गई। इसमें भी उनके पति को कोई हिस्सा नहीं दिया गया। इसके बाद कई रिश्तेदारों से अपना हिस्सा दिलाने की मांग की।
कई बार झगड़े हुए, थाने में भी प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन कोई कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हारकर बृहस्पतिवार की सुबह उनके पति मोबाइल घर पर छोड़कर कहीं चले गए। ऊषा देवी ने बताया कि दोनों देवरों के एक-एक बेटा है। उनकी केवल दो बेटियां हैं। इसी के चलते बंटवारे में उन्हें कुछ नहीं मिलता था। हालांकि ऊषा देवी के दावा किया कि उनके पति ने बुजुर्ग माता-पिता की हत्या नहीं की है।
झगड़े के कारण रमाकांत को नहीं दिया कोई हिस्सा
बुजुर्ग दंपती के सबसे छोटे बेटे सर्वेश ने बताया कि शादी के बाद से ही उनके बड़े भाई रमाकांत घर में बंटवारे को लेकर विवाद करने लगे। आए दिन माता पिता से झगड़ा और मारपीट करना उनकी आदत में शामिल हो गया था। इसी से आजिज आकर माता-पिता ने जिंदा रहते रमाकांत को जमीन में कोई हिस्सा न देने की बात कही थी।
दोनों बेटों के नाम लिखा दी थी जमीन
लगभग तीन माह पूर्व पिता ने गांव स्थित अपनी चार बीघा जमीन में से दो बीघा जमीन उनके बेटे प्रिंस के नाम एवं दो बीघा जमीन मझले भाई उमाकांत के नाम लिख दी थी। गांव में स्थित एक बीघा जमीन को एक एक वर्ष तीनों भाई जोतते थे। पिता को सवा बीघा जमीन फफूंद के गांव भोला का पुर्वा में मिली थी, जबकि मां के नाम मायके में ढाई बीघा जमीन थी। जीवित रहते यह जमीन किसी को न देने की बात माता-पिता ने कही थी।
पुलिस करती कार्रवाई, तो न होती वारदात
जमीन के बंटवारे को लेकर गांव पुरानी दिबियापुर निवासी दंपती और उनके बेटों में विवाद का सिलसिला काफी समय से चल रहा है। लगभग तीन वर्ष पहले विवाद और तेज हो गया, जब कलक्ट्री रोड स्थित जमीन बिकी। जमीन बिक्री का रुपया बुजुर्ग दंपती और उसके दो बेटों में ही बंट गया। सबसे बड़ा बेटा खाली हाथ रह गया। इसके बाद तीन माह पहले चार बीघा जमीन के बंटवारे में भी रमाकांत खाली हाथ रह गया।
किसी को नहीं जोतने देगा जमीन
इस बीच जुलाई माह में शेष बची एक बीघा जमीन में सर्वेश के जोतने का नंबर आया, तो रमाकांत ने साफ कह दिया कि अब जमीन को वह किसी को नहीं जोतने देगा। इस पर सर्वेश ने थाने में शिकायती पत्र दिया। दो दिन पहले बुधवार सुबह भी रमाकांत और ऊषा देवी का रामजानकी और श्यामलाल से विवाद और मारपीट हुई। दोनों पक्षों ने घटना की शिकायत थाना पुलिस से की थी।
दोनों पक्ष देकर आए थे शिकायती पत्र
एक पक्ष के सर्वेश और दूसरे पक्ष की ऊषा ने बताया कि वह दोनों लोग थाने में शिकायती पत्र दे आए थे। पुलिस गांव भी आई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर, ग्रामीणों का मानना है कि यदि पुलिस समय रहते कोई कार्रवाई करती तो इतनी बड़ी वारदात नहीं होती। प्रभारी निरीक्षक रामसहाय पटेल का कहना है कि रमाकांत की ओर से शिकायत मिली थी। पुलिस मौके पर जांच करने गई थी।
जमीन के विवाद के कारण तीनों भाई गांव में ही डटे थे
जमीन के विवाद के कारण तीनों भाई काफी समय से गांव से नहीं गए थे, जबकि तीनों भाई प्राइवेट नौकरी करते हैं। परिजनों के अनुसार रमाकांत कानपुर की मोजा फैक्टरी में काम करता था। तीन माह पहले दो भाइयों के नाम चार बीघा जमीन किए जाने की सूचना के बाद वह गांव में ही आ गया था। इसके बाद वह नहीं गया, जबकि दिल्ली में प्राइवेट जॉब करने वाला मझला भाई उमाकांत एवं कानपुर की मोजा फैक्टरी में काम करने वाला छोटा भाई सर्वेश रक्षाबंधन पर घर आ गए थे। इसके बाद से घर पर ही थे।
पहली पत्नी के नाम पर रखा दूसरी पत्नी का नाम
गांव पुरानी दिबियापुर के लोग बताते हैं कि श्याम लाल राजपूत की पहली पत्नी रामजानकी की मृत्यु सातवीं संतान के जन्म के समय हो गई थी। सातवीं संतान भी जीवित नहीं बची थी। इसके थोड़े समय बाद उन्होंने दूसरी शादी कर ली थी। पहली पत्नी से प्रेम के कारण दूसरी पत्नी का नाम भी रामजानकी कहने लगे थे। आज भी दूसरी पत्नी का नाम किसी को नहीं पता है। पहली पत्नी से तीन बेटे रमाकांत, उमाकांत एवं सर्वेश हैं। जबकि तीन बेटियां रानी, गुड्डी, पप्पी हैं। दूसरी पत्नी से केवल एक बेटी रीमा है, जिसकी शादी हो चुकी है।
मोबाइल छोड़कर भागने से रमाकांत पर गहराया शक
दोहरे हत्याकांड में बेटे रमाकांत के खिलाफ भले ही अभी तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है। मगर घटना स्थल से जुटाए गए साक्ष्य एवं आरोपी द्वारा मोबाइल घर पर छोड़कर भागने से उसके खिलाफ शक काफी गहरा गया है। सीओ एमपी सिंह का कहना है कि पुलिस की टीमें संभावित स्थानों पर दबिश दे रहीं हैं। सर्विलांस टीम की भी मदद ली जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गांव में पुलिस टीम तैनात कर दी गई है।