36 घंटे में तीन लोगों के अंगदान, सात को मिली नई जिंदगी
- Rohit Mehra
- राजधानी

नई दिल्ली। एम्स में 36 घंटे में दो साल की बच्ची सहित तीन लोगों के अंगदान से सात लोगों को नई जिंदगी मिली। बच्ची दिल्ली-एनसीआर की सबसे छोटी अंगदाता बनी। अंगदान के बाद दो साल की दिव्यांशी का दिल अब चेन्नई में आठ माह के बच्चे में धड़केगा। एम्स में इस साल अभी तक 12 अंगदान हो चुके हैं। पिछले साल 16 लोगों के अंगदान हुए थे और 80 लोगों को नया जीवन मिला था।
दिव्यांशी की दादी रजनी ने बताया कि संगम विहार स्थित घर में 11 नवंबर को पोती छत पर खेल रही थी। अचानक वह छज्जे से नीचे गिर गई। उसे अस्पताल लाया गया, जहां 17 नवंबर को दिव्यांशी की मृत्यु हो गई। डॉक्टरों के सुझाव पर अंगदान करने का फैसला लिया गया। दिल चेन्नई ले जाने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की मदद से एम्स से आईजीआई एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था, जबकि दोनों किडनी एम्स में एक 17 साल के बच्चे में प्रत्यारोपित की गईं। कॉर्निया सुरक्षित कर आई बैंक में जमा करा दिया गया है।
सिर में चोट लगने से ब्रेन डेड हो गई थीं शशि
दूसरा मामला 48 साल की महिला का है। नोएडा में 16 नवंबर को सड़क हादसे में घायल हुईं शशि को निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से एम्स में रेफर किया गया। शशि के सिर में गंभीर चोट आई थी। इलाज के दौरान 17 नवंबर को वे ब्रेन डेड हो गईं। इसके बाद परिवार ने अंगदान की सहमति दी और दो किडनी से दो लोगों को जिंदगी मिली। एक एम्स में और दूसरी किडनी आर्मी हॉस्पिटल में मरीज को ट्रांसप्लांट की गई। वहीं, एक दिन पहले 54 साल के राकेश इलाज के दौरान ब्रेन डेड हो गए थे। राकेश के अंगदान से तीन लोगों को नई जिंदगी मिली।