सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुझे अब भी स्वीकार नहीं : प्रशांत भूषण
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नई दिल्ली। देश के जाने-माने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सोमवार को अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन पर लगाए गए 1 रुपये का जुर्माना अदा कर दिया। जुर्माना भरने के बाद उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह अदालत के फैसले को स्वीकार कर रहे हैं।
प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि वह आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक रिव्यू पिटीशन फाइल करने जा रहे हैं।
उन्होंने शनिवार को एक ताजा याचिका दायर की थी, जिसमें मूल आपराधिक अवमानना मामलों के खिलाफ अपील का अधिकार था। प्रशांत भूषण ने मांग की है कि उनकी अपील पर सुप्रीम कोर्ट की एक बड़ी और अलग बेंच द्वारा सुनवाई की जानी चाहिए।
वकील कामिनी जायसवाल के माध्यम से दायर याचिका में प्रशांत भूषण ने आपराधिक अवमानना मामलों में मनमानी की संभावना को कम करने के लिए प्रक्रियात्मक परिवर्तन का सुझाव दिया है। भूषण ने अपनी याचिका में कहा कि यह गलत सजा के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच के रूप में काम करेगा और वास्तव में सच्चाई के प्रावधान को सक्षम करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े की आलोचना करने वाले अपने ट्वीट के लिए आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया। अदालत ने 31 अगस्त को सजा के रूप में 1 रुपये का जुर्माना लगाया था।
प्रशांत भूषण को जुर्माने की राशि 15 सितंबर तक सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करने के लिए कहा गया था, जुर्माना अदा न करने पर उन्हें तीन महीने की जेल की सजा और तीन साल के लिए लॉ प्रेक्टिस से बाहर रहना होगा।